Sankat Mochan Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi Pdf

Sankat Mochan Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi हनुमान चालीसा अवधी भाषा में लिखी गयी एक काव्यात्मक कृति है| जिसमे हनुमान जी कार्यो वा गुणों का वर्णन है| यह तुलसीदास द्वारा रचित एक भक्तिपूर्ण भजन है| हनुमान चालीसा भगवान हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्तों द्वारा की जाने वाली प्रार्थना हैं जिसमें 40 पंक्तियाँ है इसलिए इस प्रार्थना को हनुमान चालीसा कहा जाता है|

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आज हम इस लेख में Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi With Pdf , Hanuman Chalisa पढ़ने के फायदे, हनुमान चालीसा कब कैसे और कहा पढ़ना चाहिए| क्या 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है? हनुमान चालीसा पढ़ने वक्त  सावधानी रखनी चाहिये| हनुमान चालीसा का नाम चालीसा क्यों है ? इस तरह की इंट्रेस्टिंग जानकारी प्राप्त करने के लिये ब्लॉग को पूरा पढ़े|

हनुमान चालीसा क्या है? (what is hanuman chalisa ?)

हनुमान चालीसा हनुमान जी को समर्पित एक भक्तिपूर्ण भजन है जिसमे 40 पंक्तियाँ है| हनुमान चालीसा का पाठ करने से आप भय से मुक्त हो जाते है व आपके सरे बिगडे हुए काम पूर्ण होने लगते है| हनुमान चालीसा का पाठ आप दो प्रकार से कर सकते है| प्रथम – सुनकर, द्वितीय – पढ़कर| यदि आप पढ़कर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहते है तो Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi With Pdf का लिंक नीचे दिया गया है| इस पर क्लिक करके आप Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi प्राप्त कर सकते है| और इसका पाठ करके अपनी सारी मनोकामनाये पूर्ण कर सकते है|

Hanuman Chalisa Song Info

Singer : Hariharan
Music : Lalit Sen, Chander
Album : Shree Hanuman Chalisa
Lyrics : Traditional
Label : T-Series
Genre : Aarti

हनुमान चालीसा अर्थ सहित (Hanuman Chalisa Lyrics  With Meaning)

 

॥ दोहा॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज,
निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु,
जो दायकु फल चारि ।।
बुद्धिहीन तनु जानिके,
सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं,
हरहु कलेस बिकार ।।

॥ चौपाई ॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

हिंदी में अर्थ: मैं अपने श्री गुरु जी के चरण कमलों की धूल से अपने मन रूपी मुकुट को स्वच्छ करके श्री रघुवर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो धर्म, अर्थ काम और मोक्ष को देने वाला है।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।।

हिंदी में अर्थ: हे पवनपुत्र! मैं आपका उपासक हूँ, आप तो यह भी जानते हैं कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शक्ति, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों और चिंताओं का अंत कर दो।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर॥१॥

हिंदी में अर्थ: हे हनुमान जी, हे कपीश आप ज्ञान व अनन्त गुणों के सागर हैं। आप तीनों लोकों को प्रकाशमान करते हो, आपकी जय हो

रामदूत अतुलित बलधामा।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥

हिंदी में अर्थ: आप राम के दूत (प्रतिनिधी) व असीम एवं अद्वितीय बल, शक्ति के भण्डार (धाम) हैं। आप अंजनिपुत्र व पवनपुत्र नाम से विख्यात हैं।

महावीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥

हिंदी में अर्थ: हे महावीर आप अत्यन्त वीर, पराक्रमी हैं । आपके अंग वज्र के समान बलिष्ठ हैं। आप पाप बुद्धि को दूर करने वाले व सद्बुद्धि का साथ देते हैं।

कंचन बरन विराज सुवेसा।
कानन कुण्डल कुंचित केसा॥४॥

हिंदी में अर्थ: आपका रंग स्वर्ण के समान है, सुन्दर वेशभूषा धारण कर शोभामान होते हैं, आप कानों में कुण्डल धारण करते हैं आपके केश, घुंघराले व अति सुन्दर हैं।

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै।
कॉंधे मूँज जनेऊ साजै॥५॥

हिंदी में अर्थ: आपके एक हाथ में वज्र (गदा) दूसरे में ध्वजा शोभा पाती है, आपके कन्धे पर यज्ञोपवीत शोभायमान रहता है

शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग बंदन॥६॥

हिंदी में अर्थ: आप शंकर के पुत्र हैं तथा केसरी जी को आनन्द देने वाले हैं। आपकी यश, प्रतिष्ठा महान है। सारा संसार आपकी पूजा करता है।

विद्यावान गुणी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥७॥

हिंदी में अर्थ: आप सभी विद्याओं ( युद्ध, योग, संस्कृत) के पूर्ण अनुभवी हैं व राम जी के सभी कार्य सम्पन्न करने को व्याकुल रहते हैं।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया॥८॥

हिंदी में अर्थ: आप राम जी की कथा सुनने के रसिया हैं। आपके हृदय में राम, लक्ष्मण जी व सीता माता सदा वास करते हैं।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥

हिंदी में अर्थ: आप योग-बल से छोटा रूप बनाकर सीता जी के आगे प्रकट हुये व विशाल एवं भंयकर रूप धारण कर लंका को जला डाला।

भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे॥१०॥

हिंदी में अर्थ: राम-रावण युद्ध में आपने विशाल, भंयकर रूप धारण कर राक्षसों का संहार किया, रामचन्द्र जी के अनेक कार्य सम्पन्न किये।

लाय सजीवन लखन जियाये।
श्री रघुबीर हरषि उर लाये॥११॥

हिंदी में अर्थ: आपने हिमालय से संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जीवित किया, प्रभु राम ने प्रसन्न हो भाई की भाँति आपको छाती से लगा लिया।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥१२॥

हिंदी में अर्थ: प्रभु राम जी ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा हनुमान! “तुम भरत के समान ही मेरे प्रिय भाई हो”

सहस बदन तुम्हरो यश गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥१३॥

हिंदी में अर्थ: सहस्त्रों मुख तुम्हारा यशोगान कर रहे हैं, ये कह कर लक्ष्मीपति भगवान ने पुनः हनुमान जी को गले लगा लिया।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥

हिंदी में अर्थ: यह सारे ऋषि मुनि, देवी-देवता एवं ब्रह्मा जी, सरस्वती, नारद सभी आपके साथ हैं।

यम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥

हिंदी में अर्थ: यमराज, कुबेर जी और अन्य ज्ञानी जन सब ही आपका गुण गान करते हैं। बोलो पवनपुत्र हनुमान जी की जय।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥

हिंदी में अर्थ: आपने सुग्रीवजी को श्री राम से मिलवाकर उन पर महान् उपकार किया, राम मिलन से ही उन्हें किष्किन्धा का राज्य प्राप्त हुआ।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भये सब जग जाना॥१७॥

हिंदी में अर्थ: आपका परामर्श मानकर विभीषण प्रभु राम की शरण में गये, जिसके कारण वे लंका के राजा बने, ये बात सारा संसार जानता है।

जुग सहस्र योजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥१८॥

हिंदी में अर्थ: आपने बाल्यकाल में हजारों योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को एक मधुर (मीठा) फल जान मुँह में रख लिया था।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गए अचरज नाहीं॥१९॥

हिंदी में अर्थ: वह मुद्रिका जो समस्त कार्यों को पूर्ण कराने वाली तथा सब विघ्न बाधाओं को हरने वाली थी उसे मुंह में रख आपने विशाल सागर को पार किया, इसमें अचरज नहीं है।

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥

हिंदी में अर्थ: संसार में लोगों के जितने भी कठिन कार्य हैं वे आपकी कृपा से सरल हो जाते हैं।

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥

हिंदी में अर्थ: प्रभु रामके द्वार (बैकुण्ठ) के आप रखवाले हैं आपकी आज्ञा के बिना कोई भी उस धाम में प्रवेश नहीं कर सकता।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना॥२२॥

हिंदी में अर्थ: जो आपकी शरण में आता है वह सब सुखों को प्राप्त करता है और जब आप स्वयं उसके रक्षक हैं तो उसे फिर किस बात का डर है।

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै॥२३॥

हिंदी में अर्थ: आपका तेज अत्यन्त प्रचण्ड है, उसे स्वयं आप ही सम्भाल सकते हैं। आपकी एक हुँकार से ही तीनों लोक कांप उठते हैं।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥

हिंदी में अर्थ: यदि किसी को भूत-पिशाच दिखायी देते हों तो हे महावीर जी आपका नाम लेने भर मात्र से वह तुरन्त भाग जाते हैं। (आपका नाम राम बाण) की भाँति है।

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥

हिंदी में अर्थ: आपके नाम का निरन्तर जाप करने से सब रोग व पीड़ायें (आदि भौतिक, आदि दैविक तथा आध्यात्मिक) ये तीनों ताप भी दूर हो जाते हैं।

संकट ते हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥२६॥

हिंदी में अर्थ: जो व्यक्ति मन, वाणी व शरीर से हनुमान जी का स्मरण व पूजा करते हैं, हनुमान जी उनके सब संकट दूर कर देते हैं।

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥

हिंदी में अर्थ: तपस्वी राम सारे संसार के राजा (स्वामी) हैं। फिर भी हनुमान जी आपने उनके सारे कठिन कार्य सम्पन्न किये।

और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै॥२८॥

हिंदी में अर्थ: जो कोई अपनी सांसारिक इच्छा लेकर आता है, उसे तो आप पूरा करते ही हैं। पर साथ ही राम भक्ति का मार्ग दिखाते हैं जिसरे, मुनष्य जीवन का अमूल्य फल ( मोक्ष) प्राप्त करता है।

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥

हिंदी में अर्थ: आपका प्रभाव चारों युगों (सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर तथा कलियुग) में फैला है वह प्रताप जगत को प्रकाशमान करने के लिये प्रसिद्ध है।

साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकन्दन राम दुलारे॥३०॥

हिंदी में अर्थ: आप सज्जनों, प्रभु भक्तों की रक्षा करने वाले व दुष्टों का नाश करने वाले हैं। प्रभु राम को पुत्र के समान प्रिय हैं।

अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता।
अस वर दीन जानकी माता॥३१॥

हिंदी में अर्थ: आपको माता सीता की ओर से आठ सिद्धियों और नौ निधियों का जो वरदान मिला है, उनकी शक्ति से आप किसी को भी सब प्रकार की सम्पत्ति दे सकते हैं।

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥

हिंदी में अर्थ: आपके पास राम भक्ति रूपी रसायन है, जो किसी को भी सर्वश्रेष्ठ बना सकता है। आप रघुपति दास के रूप में लोगों को राम भक्त बनाते हैं।

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥

हिंदी में अर्थ: आपके लिये किये गये सभी भजन श्री राम तक पहुंचते हैं। जिससे जन्म-जन्मान्तर के दुःख दूर हो जाते हैं।

अन्त काल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥३४॥

हिंदी में अर्थ: आपके भजनों की कृपा से ही प्राणी अन्त समय श्री राम के धाम को प्राप्त करते हैं और यदि मृत्युलोक में जन्म लेंगे, तो भक्ति करेंगे व हरि भक्त कहलायेंगे।

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्व सुख करई॥३५॥

हिंदी में अर्थ: राम भक्ति में (कृष्ण, विष्णु, शिव) सब एक हैं। हे हनुमान जी, जो भक्त सच्चे मन से आपकी सेवा करते हैं! उन्हें सब सुख प्राप्त होते हैं।

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥

हिंदी में अर्थ: महावीर जी की उपासना भक्ति से मनुष्य के सारे संकट, कष्ट, दुःख मिट जाते हैं। वह से जन्म-मरण (भव) की पीड़ा मुक्त हो जाता है।

जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥३७॥

हिंदी में अर्थ: हे हनुमान जी, हे गोस्वामी जी ( जिसने दसों इन्द्रियों को वश में किया हो) आपकी जय हो। गुरु की भांति मुझ पर कृपा करें।

जो शत बार पाठ कर कोई।
छूटहिं बंदि महासुख होई॥३८॥

हिंदी में अर्थ: जो व्यक्ति हनुमान चालीसा का शत (निरन्तर ) पाठ करता है वह जन्म-मरण के बन्धन से मुक्त हो शाश्वत् आनन्द प्राप्त करता है।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥३९॥

हिंदी में अर्थ: जो व्यक्ति हनुमान चालीसा को पढ़ता है उसकी सब मनोकामनायें सफल होती हैं इस बात की साक्षी स्वयं भगवान शंकर ने दी है।

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥४०॥

हिंदी में अर्थ: तुलसीदास जी कहते हैं कि हे प्रभु आप राम के दास है और मैं आपका दास हूँ। अतः हे श्री हनुमान जी आप मेरे हृदय में विराजें।

॥ दोहा ॥

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
रामलखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

हिंदी में अर्थ: हे पवन पुत्र! संकटों, दुखों कष्टों को दूर करने वाले एवं परम कल्याण की साक्षात मूर्ति और आप जो देवताओं के राजा हैं । राम, लक्ष्मण, सीता जी के साथ मेरे हृदय में वास कीजिए।

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 Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi Vedio Song

chalisa lyrics in english

Doha

Shri Guru Charan Saroj raj Nija manu Mukura sudhari

Baranau Raghuvar Bimal Jasu Jo Dayaku Phala Chari

Budheeheen Tanu Jannike Sumiro Pavan Kumara

Bal Buddhi Vidya Dehoo Mohee Harahu Kalesh Vikaar

Chaupaii

Jai Hanuman gyan gun sagar

Jai Kapis tihun lok ujagar

Ram doot atulit bal dhama

Anjani putra Pavan sut nama

Mahabir vikram Bajrangi

Kumati nivar sumati Ke sangi

Kanchan varan viraj subesa

Kanan Kundal Kunchit Kesha

Hath Vajra Aur Dhwaja Viraje

Kaandhe moonj janeu saaje

Sankar suvan kesri Nandan

Tej prataap maha jag vandan

Vidyavaan guni ati chatur

Ram kaj karibe ko aatur

Prabhu charitra sunibe ko rasiya

Ram Lakhan Sita man Basiya

Sukshma roop dhari Siyahi dikhava

Vikat roop dhari lank jalava

Bhim roop dhari asur sanhare

Ramachandra ke kaj sanvare

Laye Sanjivan Lakhan Jiyaye

Shri Raghuvir Harashi ur laye

Raghupati Kinhi bahut badai

Tum mama priya Bharat-hi-sam bhai

Sahas badan tumharo yash gaave

As kahi Shripati kanth lagaave

Sankadhik Brahmaadi Muneesa

Narad Sarad sahit Aheesa

Yam Kuber Dikpaal Jahan te

Kavi kovid kahi sake kahan te

Tum upkar Sugreevahin keenha

Ram milaye rajpad deenha

Tumhro mantra Vibheeshan maana

Lankeshwar Bhaye Sab jag jana

Yug sahasra yojan par Bhanu

Leelyo tahi madhur phal janu

Prabhu mudrika meli mukh mahee

Jaladhi langhi gaye achraj nahee

Durgam kaj jagat ke jete

Sugam anugraha tumhre tete

Ram duwaare tum rakhvare

Hot na agya binu paisare

Sab sukh lahai tumhari sarna

Tum rakshak kahu ko darna

Aapan tej samharo aapai

Teenon lok hank te kanpai

Bhoot pisaach Nikat nahin aavai

Mahavir jab naam sunavai

Nase rog harae sab peera

Japat nirantar Hanumat beera

Sankat se Hanuman chhudavai

Man Kram Vachan dhyan jo lavai

Sab par Ram tapasvee raja

Tin ke kaj sakal Tum saja

Aur manorath jo koi lavai

Soi amit jeevan phal pavai

Charon jug partap tumhara

Hai parsiddh jagat ujiyara

Sadhu Sant ke tum Rakhware

Asur nikandan Ram dulare

Ashta siddhi nav nidhi ke data

As var deen Janki mata

Ram rasayan tumhare pasa

Sada raho Raghupati ke dasa

Tumhare bhajan Ram ko pavai

Janam janam ke dukh bisraavai

Antkaal Raghuvar pur jayee

Jahan janam Hari Bhakt Kahayee

Aur Devta Chitt na dharahin

Hanumat sei sarv sukh karahin

Sankat kate mite sab peera

Jo sumirai Hanumat Balbeera

Jai Jai Jai Hanuman Gosain

Kripa Karahun Gurudev ki nayin

Jo shat bar path kare koi

Chhutahin bandi maha sukh hoi

Jo yeh padhe Hanuman Chalisa

Hoye siddhi saakhi Gaureesa

Tulsidas sada hari chera

Keejai Nath Hriday mahn dera

Doha

Pavan Tanay Sankat Harana Mangala Murati Roop

Ram Lakhan Sita Sahita Hriday Basahu Soor Bhoop

हनुमा चालीसा पढ़ने के फायदे

हनुमान चालीसा नियमित रूप से पढ़ने के कई लाभ है जिनमे से कुछ इस प्रकार है|
१. निअयमित हनुमान चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा निष्क्रिय और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है|
२. यदि आपको डरावने स्वप्न आते है तो आप हनुमान चालीसा का पाठ करके निदान पा सकते है|
३. शनि के प्रभावों को काम किया जा सकता है|
४. मंगलवार वा शनिवार को पाठ करने से विशेष लाभ (मनोकामना) पूर्ण होती है|

FAQ – Hanuman Chalisa

Q -1. हनुमान चालीसा कब नहीं पढ़ना चाहिए ?
Ans – स्नान करने से पहले नहीं पढ़ना चाहिए|

Q -2 . क्या 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है?
Ans – हनुमान चालीसा में कहा गया है की “जो शत बार पाठ कर कोई।
छूटहिं बंदि महासुख होई” अर्थात आपको सुख की अनुभूति होगी |

Conclusion

आशा करते है हमारे द्वारा दी गयी जानकारी Sankat Mochan Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi पसंद आयी होगी | आपको और भी किसी songs या chalisa की lyrics(बोल) प्राप्त करना चाहते है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताये | हम आपको देने की पूरी कोशिश करेंगे |